नियमावली

प्राग्ज्योतिका /भारतबोध पत्रिका में आपका स्वागत है! यह एक अंतरानुशासनिक, विशेषज्ञ-समीक्षित, द्विभाषी, अंतरराष्ट्रीय चतुर्थ मासिक पत्रिका है, जो दुनिया भर के विद्वानों और अध्ययनकर्ताओं के मध्य ज्ञान और विचार-विनिमय हेतु एक मंच प्रदान करने के लिए समर्पित है। हमारा प्रयास रहता है कि हम प्राग्ज्योतिका /भारतबोध पत्रिका के माध्यम से प्रसिद्ध उत्कृष्ट विद्वानों के वैविध्यतापूर्ण विचारों को जो साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यों पर केंद्रित हैं उनको एक मंच पर ला सकें। प्राग्ज्योतिका /भारतबोध पत्रिका एक ऐसा मंच है, जहां विचारों को साझा किया जाता है और विर्द-संवाद होता है और जहां सभी पृष्ठभूमि के लोग विचार-विनिमय के नवीन उपागम खोजने और बौद्धिक मतभेदों को चुनौती देने हेतु एक साथ आ सकते हैं।

हम केवल उच्चतम गुणवत्ता वाले शोध संबंधी लेखन को प्रकाशित करने हेतु प्रतिबद्ध हैं और हमारी टीम यह सुनिश्चित करने के लिए अथक श्रम से कार्य करती है कि प्रत्येक लेख सावधानीपूर्वक संपादित हो और तथ्यों की जांच पूर्ण पारदर्शिता के साथ की गई हो। हमारा लक्ष्य लेखकों और पाठकों के बीच सार्थक विमर्श को बढ़ावा देना है और एक ऐसा वातावरण बनाने का प्रयास करना है, जहां विचारों को स्वतंत्र रूप से और सम्मानपूर्वक व्यक्त किया जा सके। हमारा उद्देश्य, उस पुरानी बहु-अनुशासनिक वैचारिकता की परंपरा को भी जीवित करना है, जो आज की पीढ़ी में धीमे-धीमे धूमिल होती जा रही है। हमारा उद्देश्य लोगों को एक साथ लाना और महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करने हेतु एक सार्थक स्थान निर्मित करना है और हम यह देखने के लिए उत्सुक हैं कि प्राग्ज्योतिका /भारतबोध पत्रिका का भावी-भविष्य उसके लिए क्या लेकर आने वाला है।

शोध आलेख का प्रारूप


अकादमिक क्षेत्र में गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए प्राग्ज्योतिका /भारतबोध पत्रिका में प्रकाशित होने वाले शोध आलेखों का चयन विभिन्न स्तर पर किया जाता है। इसके लिए शोध विषय की नवीनता, मौलिकता, तथ्य के स्रोत एवं उनके मूल्यांकन, अंतरराष्ट्रीय शोध मानक के अनुरूप शोध प्रारूप इत्यादि बिन्दुओं के आधार शोध आलेखों का चयन किया जाता है।


जनकृति में शोध आलेख भेजने से पूर्व शोध आलेख प्रारूप का विशेष ध्यान रखें- 




शोध आलेख विषय

शोधार्थी का नाम, विभाग एवं संस्थान का नाम, ईमेल एवं मोबाइल नंबर

शोध सारांश जो 200 शब्दों से अधिक न हो

बीज शब्द 

शोध आलेख

निष्कर्ष

संदर्भ सूची- लेखक का नाम, प्रकाशन वर्ष, पुस्तक का नाम, प्रकाशन का नाम, प्रकाशन का स्थान (नोट: फूट नोट एवं एंड नोट की जगह संदर्भ सूची आलेख के अंत में दें जिसमें आधार ग्रंथ एवं सहायक ग्रंथ शामिल हों)

शोध आलेख का नियम- 

भाषा- इंग्लिश एवं हिन्दी [Language- Hindi & English]

फॉन्ट- इंग्लिश: टाइम्स न्यू रोमन (फॉन्ट साइज़- 12), हिन्दी: यूनिकोड (फॉन्ट- कोकिला 16)

मेल करने का फॉर्मेट- शोध आलेख के साथ मौलिकता प्रमाण पत्र भेजना अनिवार्य है। शोध आलेख वर्ड फाइल एवं पीडीएफ दोनों फॉर्मेट में भेजें।

साहित्यिक रचनाएँ/लेख भेजने हेतु

साहित्यिक रचनाएँ भेजने हेतु- पत्रिका में साहित्य की विविध विधाओं में रचनाओं का प्रकाशन किया जाता है, जिसे प्रत्येक अंक में साहित्यिक विमर्श स्तम्भ के अंतर्गत प्रकाशित किया जाता है। पत्रिका हेतु आप अपनी अधिकतम पाँच रचनाएँ भेज सकते हैं। रचनाओं के साथ अपना परिचय, विधा की जानकारी यूनिकोड फॉन्ट में एम.एस. वर्ड फाइल पर टाइप करके भेजें।

लेख भेजने हेतु- पत्रिका में विभिन्न विमर्श स्तंभों के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों के नवीन विषयों पर वैचारिक लेख प्रकाशित किए जाते हैं। आप अपना लेख यूनिकोड फॉन्ट में एम.एस. वर्ड फाइल पर भेजें।

ईमेल- prof.Chandankumar@gmail.com

प्रकाशन नियम 

अकादमिक क्षेत्र में गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए प्राग्ज्योतिका /भारतबोध पत्रिका में प्रकाशित होने वाले शोध आलेखों का चयन विभिन्न स्तर पर किया जाता है। इसके लिए शोध विषय की नवीनता, मौलिकता, तथ्य के स्रोत एवं उनके मूल्यांकन, अंतरराष्ट्रीय शोध मानक के अनुरूप शोध प्रारूप इत्यादि बिन्दुओं के आधार शोध आलेखों का चयन किया जाता है।

प्रक्रिया- 

प्राप्त शोध आलेखों के शोध प्रारूप की जांच कर विषय के अनुसार विषय विशेषज्ञ के पास भेजा जाता है।

विषय विशेषज्ञ शोध आलेख के प्रारूप का पुनः अध्ययन करते हैं तत्पश्चात शोध आलेख में शोध विषय की नवीनता, मौलिकता, तथ्य के स्रोत एवं उनके मूल्यांकन, अंतरराष्ट्रीय शोध मानक के अनुरूप शोध प्रारूप, शोध संदर्भ के आधार पर शोध आलेख को परखा जाता है। यदि शोध आलेख में आंशिक बदलाव की गुंजाइश है तो शोध आलेख में सुझाव के अनुरूप बदलाव हेतु लेखक को भेजा जाता है और यदि शोध आलेख सभी मानकों के अनुरूप सही है तो शोध आलेख को टिप्पणी के साथ सम्पादन मण्डल को प्रेषित किया जाता है।

सम्पादन मण्डल चयनित शोध आलेखों के तकनीकि पक्ष को देखते हैं। शोध में भाषा के स्तर पर कोई त्रुटि हो तो उसका सुधार करते हैं और संपादक को प्रेषित करते हैं।

संपादक द्वारा पुनः शोध आलेखों का अध्ययन किया जाता है। शोध आलेख की गुणवत्ता, नवीनता, शोध प्रारूप इत्यादि के आधार पर शोध आलेख को जाँचने के पश्चात अंतिम रूप से शोध आलेखों का चयन किया जाता है। चयनित शोध आलेख की जानकारी को संपादक के स्तर पर ही रखा जाता है जब तक चयन प्रक्रिया पूर्ण न हो जाए।

कॉपीराइट एवं प्लेरेगीस्म

शोध आलेख की मौलिकता

शोध आलेख का स्रोत

वर्तमान समय में अकादमिक क्षेत्र में प्लेरेगीस्म एक व्यापक समस्या है अर्थात किसी व्यक्ति के विचारों को अपने नाम से प्रकाशित हम इस तरह के किसी भी अपराध के सख्त खिलाफ है इसलिए पत्रिका में शोध आलेख की जांच प्लेरेगीस्म सॉफ्टवेयर इत्यादि के माध्यम से की जाती है।

शोध आलेख में दिये गए शोध संदर्भों को बारीकी से जांचा जाता है।

यदि शोध आलेख में कॉपी सामग्री जांच में पायी जाती है तो लेखक को शोध आलेख वापस भेज दिया जाता है साथ ही बताया जाता है कि भविष्य के किसी भी अंक में शोध आलेख प्रकाशित नहीं किया जाएगा।

यदि प्राग्ज्योतिका /भारतबोध पत्रिका में प्रकाशित किसी आलेख के संदर्भ में किसी लेखक की शिकायत मिलती है तो शिकायत के आधार पर शोध आलेख की जांच की जाती है सही पाये जाने पर शोध आलेख के संबंध में सार्वजनिक रूप से पत्र जारी करने का नियम है।

अकादमिक क्षेत्र में गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए प्राग्ज्योतिका /भारतबोध पत्रिका में प्रकाशित होने वाले शोध आलेखों का चयन विभिन्न स्तर पर किया जाता है। इसके लिए शोध विषय की नवीनता, मौलिकता, तथ्य के स्रोत एवं उनके मूल्यांकन, अंतरराष्ट्रीय शोध मानक के अनुरूप शोध प्रारूप इत्यादि बिन्दुओं के आधार शोध आलेखों का चयन किया जाता है।